Tuesday, March 8, 2022

गोलेन्द्र पटेल को सुरेंद्र प्रजापति का पत्र

 



(कवि व कथाकार : सुरेंद्र प्रजापति)

प्रिय अनुज गोलेन्द्र ज़ी,

                         शुभ आशीष

            आशा है आप सपरिवार स्वस्थ होंगें। आप इतने सर्वश्रेष्ठ रचनाकारों के समूह में मेरी रचनाओं को स्थान दिए, इसके लिए हृदय से आभार। चुंकि मै या मेरी रचनाएँ इतना भी महत्वपूर्ण नहीं है, कि कोई तवज्जो दिया जाए, अपितु आप जिस विश्वास और सहृदयता के साथ एक रचना या रचनाकर को आदर देते हैं, वास्तव में वह प्रसंशनीय और संग्रहनीय हैं। अलबता यही गुण आपको वर्तमान में बड़े से बड़े प्रतिष्ठित रचनाकारों से अलग रखता हैं और भावी कल के लिए एक उर्वर और समृद्ध भूमिका का निर्माण करता हैं। क्या लिखूँ। कोई शब्द नहीं मेरे पास शिवाय स्नेह के! आपकी साहित्यिक यात्रा मंगलमय हो 🙏
(कवि व दिव्यांग सेवी : गोलेन्द्र पटेल)

स्नेह और विश्वास के 

केंद्र में हैं कविता

इंसानियत चहक रहा है

निर्माण बहक रहा है

जो रीता, जो बीता

प्रकाशित कर रहा है सविता


सागर का काम है संग्रह करना

गंभीरता का, जाने क्या- क्या?

सृष्टि के निर्माण कर्ता, ब्रम्ह!

बतला रहे हैं, कि-

गौरव संस्कृतिओ के अध्येता महेंद्र

गगनचुम्बी चोटियों से कर रहा संवाद

और कविताओं में सहेज, संभारकर

समीक्षा कर रहे हैं कवि गोलेन्द्र


सरल हैं, सहज हैं

समर्पण में विश्वास हैं

सोई हुई पगड़ंडियो पर

शब्द के आकाश हैं

©सुरेंद्र प्रजापति

पता:

घर-असनी, पोस्ट-बलिया

थाना-गुरारू, जिला-गया, बिहार

पिन न. 824205



No comments:

Post a Comment

तुम्हारी संतानें सुखी रहें सदैव' के बहाने मनुष्यता की स्थापना : विनय विश्वा

 "तुम्हारी संतानें सुखी रहें सदैव' के बहाने मनुष्यता की स्थापना"  "एक लंबी कविता है 'तुम्हारी संतानें सुखी रहें सदैव&...