Sunday, September 12, 2021

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डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट कोरोजीवी कविता डॉट कॉम

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अहिंदी भाषी साहित्यिक ब्लॉग कोरोजीवी कविता में आपका सादर स्वागत है!

{संस्थापक : गोलेन्द्र पटेल}


-: संस्थापक का परिचय : अर्जुन पटेल :-

नाम : गोलेन्द्र पटेल
उपनाम/उपाधियाँ : युवा किसान कवि, कविता का कर्षित कृषक पुत्र, नवांकुर कोरोजयी कवि, हिंदी कविता का गोल्डेन बॉय एवं गोलेंद्र ज्ञान।
जन्म : 5 अगस्त, 1999 ई.
जन्मस्थान : खजूरगाँव, साहुपुरी, चंदौली, उत्तर प्रदेश।
शिक्षा : बी.ए. (हिंदी प्रतिष्ठा) , बी.एच.यू.।
भाषा : हिंदी
विधा : कविता, कहानी व निबंध।
माता : उत्तम देवी
पिता : नन्दलाल
काव्यगुरु : श्रीप्रकाश शुक्ल
मार्गदर्शक : सदानंद शाही, सुभाष राय, मदन कश्यप, स्वप्निल श्रीवास्तव, जितेंद्र श्रीवास्तव, अरुण होता, कमलेश वर्मा, वसंत सकरगाए, शैलेंद्र शांत, गिरीश पंंकज एवं अन्य।

पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन :
कविताएँ और आलेख -  प्राची, बहुमत, आजकल, व्यंग्य कथा, साखी, काव्य प्रहर, प्रेरणा अंशु, जनसंदेश टाइम्स, विजय दर्पण टाइम्स, रणभेरी,पदचिह्न, अग्निधर्मा, नेशनल एक्सप्रेस, अमर उजाला, पुरवाई एवं सुवासित आदि प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रमुखता से प्रकाशित।

ब्लॉग्स, वेबसाइट और ई-पत्रिकाओं में प्रकाशन :-
गूगल के 100+ पॉपुलर साइट्स पर - हिंदी कविता, समकालीन जनमत, लिटरेचर प्वाइंट, साहित्य रचना, समालोचना, द लल्लनटॉप, पुरवाई, साहित्य कुंज, साहित्यिक डॉट कॉम, साहित्यिक, जनता की आवाज़, पोषम पा, अपनी माटी, लोक साक्ष्य, अद्यतन काल क्रम, द साहित्य ग्राम, लोकमंच, राष्ट्र चेतना पत्रिका, डुगडुगी, साहित्य सार, हस्तक्षेप, जनवर्ता, जखिरा, संवेदन स्पर्श (अभिप्राय) , मीडिया स्वराज, जानकी पुल, उम्मीदें, बोलती जिंदगी, गढ़ निनाद एवं हमारा मोर्चा इत्यादि एवं कुछ लोगों के व्यक्तिगत ब्लॉग्स पर कविताएँ प्रकाशित।

प्रसारण : राजस्थानी रेडियो, द लल्लनटॉप एवं अन्य यूट्यूब चैनल पर (पाठक : स्वयं संस्थापक)
अनुवाद : नेपाली में कविता अनूदित

काव्यपाठ : राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय काव्य-गोष्ठियों में कविता पाठ।

सम्मान : फिलहाल कोई विशेष सम्मान नहीं, पर अनेक साहित्यिक संस्थाओं से प्रेरणा प्रशस्तिपत्र मिले हैं।

संपर्क :
डाक पता - ग्राम-खजूरगाँव, पोस्ट-साहुपुरी, जिला-चंदौली, उत्तर प्रदेश, भारत।
पिन कोड : 221009
व्हाट्सएप नं. : 8429249326
ईमेल : corojivi@gmail.com
                                          -अर्जुन पटेल
                                           {टेक्निकल सहयोग : अर्जुन पटेल}
नाम : अर्जुन पटेल
शिक्षा : 12 वीं में अध्ययनरत
पेशा : पढ़ाई-लिखाई/ई-संपादक
संपर्क :-
संपर्क :
डाक पता - ग्राम-खजूरगाँव, पोस्ट-साहुपुरी, जिला-चंदौली, उत्तर प्रदेश, भारत।
पिन कोड : 221009
ईमेल : corojivi@gmail.com

 प्रिय युवा कवि गोलेंद्र पटेल के कुछ प्रमुख मार्गदर्शक निम्नलिखित हैं:-

                            ■मार्गदर्शक■
         {प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल :: कवि , लेखक व आचार्य : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक}
        {प्रो. सदानंद शाही :: कवि , लेखक व आचार्य : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक}
       {डॉ. सुभाष राय :: कवि , लेखक व मार्गदर्शक : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक}
         {श्री मदन कश्यप :: कवि , लेखक व मार्गदर्शक : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक}
  {श्री स्वप्निल श्रीवास्तव :: कवि , लेखक व मार्गदर्शक : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक}
  {प्रो. जितेंद्र श्रीवास्तव :: कवि , लेखक व आचार्य : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक}
    {प्रो. अरुण होता :: आलोचक , लेखक व आचार्य : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक}
  {प्रो. कमलेश वर्मा :: आलोचक , लेखक व आचार्य : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक}
     {श्री गिरीश पंकज :: कवि , लेखक व मार्गदर्शक : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक}
   {श्री वसंत सकरगाए :: कवि , लेखक व मार्गदर्शक : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक}
       {श्री शैलेंद्र शांत :: कवि , लेखक व मार्गदर्शक : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक}
      {डॉ. विन्ध्याचल यादव :: आलोचक
, लेखक  : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक}



ब्लॉग के संदर्भ में :-
  1. यह ब्लॉग पूर्णतः अव्यवसायिक है।
  2. यह ब्लॉग अहिंदी भाषी निम्नलिखित ब्लॉग के सुधी पाठकों की माँग पर बनाया गया है। (लिंक :- https://golendragyan.blogspot.com/?m=1)
  3. फिलहाल, इस ब्लॉग पर उन्हीं रचनाकारों को प्रकाशित किया जाएगा। जिनकी रचनाओं की मांग की गयी है।
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  7. किसी रचनाकार को मैसेज भेजकर, अनुमति लेने के बाद ही फोन करें।
  8. अच्छी रचनाओं का सादर स्वागत है।
  9. आप अपनी स्वरचित रचनाएँ भेजते वक्त ध्यान रखें कि कोई त्रुटि वगैरह न रहें।
  10. आप अपनी रचनाओं के साथ अपना पूरा परिचय (जैसे- डाक पता, मोबाइल नंबर, ईमेल व फोटोज...) जरूर भेजें। अन्यथा प्रकाशित नहीं किया जायेगा।
  11. रचनाएँ टाइपिंग कर के भेजें।
  12. दूसरे की रचनाएं तभी भेजे जब वह रचनाकार भेजने में असमर्थ हो।
  13. 2020 के पहले की रचना न भेजें। उसे प्रकाशित नहीं किया जायेगा।
  14. रचना का रचनाकाल (डेट/तिथि) जरूर भेजें।
  15.  रचनाएँ निम्नलिखित ईमेल पर ही भेजें  :-  ईमेल : corojivi@gmail.com
                    

                                        धन्यवाद!






स्वतंत्र भारत में हिंदी प्रयोग-अनुप्रयोग की अनिवार्यता

 श्यामलाल महाविद्यालय (सांध्य) के हिंदी विभा़ग में “स्वतंत्र भारत में हिंदी प्रयोग-अनुप्रयोग की अनिवार्यता” विषय पर व्याख्यान 

                    {साभार : नीरज कुमार मिश्र}

दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामलाल महाविद्यालय (सांध्य) के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित

विभागीय विशेष व्याख्यान श्रृंखला की चौथी कड़ी में अतिथि व्याख्यान के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में प्रोफेसर पूरन चंद टंडन को आमंत्रित किया गया।इस आयोजन में स्वागत वक्तव्य देते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रमेश कुमार ने हिंदी भाषा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी भाषा हमारे देश की संस्कृति व इतिहास का प्रतीक है। उन्होंने गांधीजी के उद्धरण के माध्यम से कहा कि जिस देश की अपनी भाषा नहीं है वह देश गूंगा है।इस अतिथि व्याख्यान के मुख्य वक्ता प्रोफेसर पूरन चंद टंडन ने कहा कि भाषा व्यक्ति के व्यक्तित्व की पहचान है।भाषा संस्कृति की वाहिका होती है। हमारे देश में अनेक संस्कृति हैं।उन्होंने हिंदी भाषा की उन्नति के प्रसंग में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज भी हम अपनी भाषाई संस्कृति का अंग्रेजी के कारण क्यों नुकसान कर रहे हैं, यह चिंता का विषय है ।


हिंदी विभाग के प्रभारी डॉ. अमित सिंह ने औपचारिक धन्यवाद देते हुए कहा कि आज के हमारे अतिथि मुख्य वक्ता ने हम सभी को विशिष्ट ज्ञान यात्रा कराई।इस ज्ञान यात्रा के दौरान उन्होंने मातृभाषा, राष्ट्रीय भाव, सांस्कृतिक गौरव, साहित्य के इतिहास की परंपरा के प्रसंग में अपने विचार रखते हुए हमें हिंदी-प्रेम के प्रति प्रेरित किया है। इस आयोजन का संचालन हिंदी विभाग के साहित्यिक मंच ‘सृजन’ के परामर्शदाता डॉ. रामरूप मीना ने किया। इस आयोजन में  महाविद्यालय के आइक्यूएसी के को ऑर्डिनेटर डॉ. कुमार प्रशांत के साथ अन्य विभागों एवं हिंदी विभाग के सभी प्राध्यापकों और छात्रों की गरिमामय उपस्थिति रही।

                                                             {संपादक : गोलेन्द्र पटेल}

नाम : गोलेन्द्र पटेल

{युवा कवि व लेखक : साहित्यिक एवं सांस्कृतिक चिंतक}

व्हाट्सएप नं. : 8429249326

ईमेल : corojivi@gmail.com

टेंगरा और सिंघी का डंक : गोलेन्द्र पटेल

    कवि : गोलेन्द्र पटेल


 टेंगरा और सिंघी का डंक//


सिधरी बेचारी सीधी-साधी मछली है

आसानी से फँस जाती है काँटे में

कबई-सउरी-पेहिना-पोठिया-गरई-गरचुनी-गोयजी

मुंगरी-रेवा-रोहु-झींगा-नैनी-कमलकाट-भाँकुड़-बामी आदि

ये सब चालाक हैं

फिर भी

ताल-तलई-तालाब-बउली-गड़ही-गुच्चा-नहर-नाली-नाला-नदी...

और धान के खेत में

इन्हें पकड़ते हुए शिकारियों को देखता हूँ


जो कछुआ और केकड़ा को भी नहीं छोड़ते

पर वे टेंगरा और सिंघी से डरते हैं

क्योंकि इनके पास डंक होता है

डंक में विष

यही विष इन्हें जाति से बाहर कराता है 

और विशेष बना देता है


आज के शिकारी दोड़हा के साथ साथ इन्हें भी

अपना भोजन बनाते हैं

किसी ने ठीक ही कहा कि

मछलियाँ मनुष्य का आहार होती हैं


इन्हें वे खाते हैं

पर मुझ जैसे अनेक शाकाहारी घिन्नाते हैं

दरअसल घिन्नाना मछलियों के प्रति दया नहीं

बल्कि हमारी मनुष्यता की आवाज़ है

जिस पर हमें नाज़ है

हाँ, मैं कह सकता हूँ

कि यह भीतर की पुकार है 

मुझे नदी से बहुत प्यार है


मछली के साथ साथ

नदियों का शिकार करने वाले भी हो गये हैं

मैं डंक मारना चाहता हूँ

टेंगरा और सिंघी की तरह 

नदी के शिकारियों को


मैं यह भी जानता हूँ

कि वे बहुत भयानक हैं

उनके पेट में पच रही हैं नदियाँ

मछलियों की तरह


लेकिन मैं उनके पेट को चीरकर

अधपची नदियों को बाहर निकालना चाहता हूँ

जल्दी से जल्दी

एक सनकी डॉक्टर की तरह।


(©गोलेन्द्र पटेल

11/09/021)

                       मार्गदर्शन : गुरुवर सदानंद शाही


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तुम्हारी संतानें सुखी रहें सदैव' के बहाने मनुष्यता की स्थापना : विनय विश्वा

 "तुम्हारी संतानें सुखी रहें सदैव' के बहाने मनुष्यता की स्थापना"  "एक लंबी कविता है 'तुम्हारी संतानें सुखी रहें सदैव&...